ख्वाबों की होली
आज न मुझको रंग देना फिर, चाहत के उस रंग में ।। जानती हूं यह शामें, क्या रंग लाएगीं तेरे संग में।। भीग जाऊंगी उन ख्वाबों में, इन आंखों ने जो देखे थे।। यूं देखकर मुझको ऐसे, ना रंग देना मेरे सपने।। आज जो तुमने किया गुलाबी, मेरे सपनों को अधरों को।। नहीं भूलूंगी तेरी सौगातें, कह देना चाहे अपनों को।। आज ही मौसम गीला है, मेरा आंचल किया तूने पीला है ।। पी लूंगी उन बरसातों को, जिस में बह जाएंगे तेरे सपने।। कह दूंगी रंगों को मैं , नहीं रहे अब, तुम मेरे अपने।। ✍️पूनम ✍️✍️ आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाएं।।