मनमीत
मेरे मन मीत, मैं हूं अर्धांगिनी तेरी । जब -जब हवाएं रुख बदलेंगी, मैं साथ दूंगी तुम्हारा । जब डूबेगी ,हमारी नौका, मैं ,दूंगी सहारा । जब तुम प्रश्न करोगे मुझसे, मैं उत्तर बनूंगी तुम्हारा। जब तुम मुझे अपनाओगे , तब मैं राज खोलूंगी । आशाओं के बंद संदूक से , प्रेम के दो बोल बोलूंगी । तुम प्रेम को सिद्ध करना, मैं रूठ जाऊंगी वरना । -✍️पूनम✍️✍️ आप सभी को करवा चौथ की शुभकामनाएं।।