ITS RAINING
सावन की घनघोर घटाऐं, दौड़ी आऐं, भागी आऐं। याद दिलाऐं झूलों की,पीले सरसों के फूलों की । हर आँगन में बदरा आये , काले काले बदरा छाऐ। झूले ,झूलती कहती सखियाँ करके मीठी मीठी बतियाँ। कंगन को खनकाकर देखो, हमसे नजर मिलाकर देखो। कोयल कुहू कुहू की धुन में गाए, सुर ताल , गीतों का मौसम आऐ। गाओ सखी री तुम भी कोई गीत, मौसम मिलाऐगा मनमीत, पीहर कब फिर आऐंगे, मनभावन ये गीत लुभाऐंगे। सुनो सखी , कुछ तरकीब लगाओ, ...