मैं औरत हूं!!!
जो कुछ ठान लेती हूं, करके दिखाती हूं। मैं औरत हूं ।। टूटने लगूं मैं तो क्या ? परिवार को जोड़ कर रखती हूं । मैं औरत हूं।। करती हूं बेनकाब सबको, मैं,खुली किताब हूं। मैं औरत हूं।। सुबह से लगती हूं , रात को थमती हूं। मैं औरत हूं।। आंखें गीली है तो क्या? हर आंसू का हिसाब लेती हूं। मैं औरत हूं।। अनजानो को अपना बनाती हूं, हर पल मुस्कुराती हूं। मैं औरत हूं।। कहें लोग मुझे बेजुबान, पर रखती हूं अपनी अलग पहचान। मैं औरत हूं।। ✍️ पूनम✍️✍️ Happy women's day to all of you....