AN OLD WOMAN
मैंने पथरीले पथ पर एक बूढी माँ को देखा, स्थिति उसकी बता रही थी, माथे पर अंकित रेखा एक हाथ में डंडा उसके, एक हाथ में हंसिया, आँखें पढ़ी जो उसकी मैंने,लगती थी एक दुखिया। पोटली एक कंधे पर उठाये,जाने क्या वह सोची। जाऐ। अकेले में ढे़रों बातें बनाऐ, क्या गम है जो भूल न पाये। पहेलियाँ वो लाख बनाऐ,शाम ढ़लने पर वापस आये। एक दिवस वह मुझसे बोली,आम लाई मैं भर के झोली। जो चाहे तू आम खाना, मुझे ठंडा पानी पिलाना। मैं जग भर कर पानी लाई, जाकर उसकी प्यास बुझाई। टूट टूट कर जुड़ी थी साँसे,सिसकी लेने लगी आँसुओं से भरी आँखे। क्या कहूँ अब बचा है क्या, बँटवारा जो हो गया बूढ़ी आँखों में न कोई झाँक सका,अपनी