सरहदें
सरहदें कब तक रहेंगी, ये तेरे मेरे बीच ।। आकर कुछ तो बोल , मन में मीठे रस घोल।। जो तू ना कह पाई, तेरी आंखों ने कह दिया।। तूने ही मेरे जीवन को संगीत और लय दिया। छोड़ दे दुनिया को , बात कर हमारी ।। वफा को करके देख , छोड़ दे दुनियादारी ।। अब समझा वह आंखों की बातें , मत रख अपने बीच वो बुनियादें ।। आंखें सच कहती हैं , लफ्जों का क्या कहूं? तेरे मेरे बीच के, अफसानों का क्या करूं? कब आओगी मेरे पास? कहीं रह ना जाए अधूरी ये आस।।