समुद्र
पलकों के नीचे कुछ ,आंसू दबा कर रखे हैं तेरी याद के, वो हसीन पल, छिपा कर रखे हैं। डर है कि आंसुओं संग ,वह बह न जाएं। समुद्र को क्या पता, कि वह कितना गहरा है? जाने कितने बेशकीमती मोती उसने, सीपों में दबाकर रखे हैं? -✍️पूनम✍️✍️