दीपावली मनाऐ सुहानी
मिट्टी के दीए घर पर लाना जी, सबके घर रोशन कर जाना जी। नित स्वच्छता जरूरी है, मन के कोने की लेकिन अधूरी है। घर आंगन को साफ करते हो तो, दिल के आंगन को स्वच्छ कर जाना जी। मिट्टी के दीए घर पर लाना जी , सबके घर को रोशन कर जाना जी । राम जी अयोध्या पधारे हैं, रोशन करो वह दिल जो अंधकार से हारे हैं। नित ज्ञान का दीया जलाना जी, दीपावली ऐसे मनाना जी। मिट्टी के दीए घर पर लाना जी, सबके घर को रोशन कर जाना जी। यूं तो हर दिन ही है दीपावली, चारों ओर छाई हरियाली। फैले सबके घर पर खुशहाली, अपने उत्तरदायित्व को नहीं भुला ना जी , दीपावली ऐसे मनाना जी । मिट्टी के दीए घर पर लाना जी , सबके घर को रोशन कर जाना जी । आज अंधकार को हृदय से मिटा देना, किसी ने कुछ कहा हो तुमको उसे तुम भुला देना । स्वयं से अहम को मिटा ना जी, ऐसी दीवाली मनाना जी। मिट्टी के दीए घर पर लाना जी, सबके घर को रोशन कर जाना जी। खेल खिलौने बताशे की दिवाली, मिट्टी के दीए वाली दिवाली , पूजा की थाल, रंगोली वाली दिवाली , खुशियों को बांटने वाली दिवाली, अंतः करण के दीपक खोल , प्रकाश की लौ