जिस तरह गमले में लगे पौधे को प्रकाश ,जल ,वायु तथा मिट्टी की आवश्यकता होती है उसी तरह स्त्री को सम्मान ,सहयोग, प्रेम ,तथा आत्मनिर्भरता की आवश्यकता होती है। तो आप क्या स्त्री की जड़ो को मज़बूत करने का कार्य कर रहे है?? -✍️ पूनम✍️✍️
स्वयम से स्वयं के बीच का युद्ध ही अंतर्द्वंद है। तुम्हारी प्रतियोगिता सिर्फ तुम से ही होनी चाहिए। इस युद्ध में विजयी होना तुम्हें ईश्वर का दिया हुआ उत्तरदायित्व है। -✍️पूनम्✍️✍️
बेहद की इच्छा मत कर, थोड़े में ही सब्र कर। क्या लेकर आया तू, खुद पर इतना नहीं फक्र कर। सालों को बदलना ही है, पर तू कितना बदल पाया। यही देखना है तुझे आज, खुद में तू कितना ठहर पाया। -✍️ पूनम ✍️✍️
खुद को काबिल बनाइए, हर उस परस्थिति के लिए, जो आपको निचोड़ तो सके, पर तोड़ न सके। सुना तो सके पर, हिल न सके। बात तो सके पर, गुमराह न कर सके। भटका तो सके पर, अपंग न बना सके। सुलगा तो सके पर, बुझा ना सके। -✍️पूनम ✍️✍️
करवटें बदलकर रातें गुजारते गुजारते, थक गए हो तो स्वीकारो कि तुम गलत हो। मुखोटे बदलते बदलते भूल गए हो तो स्वीकारो सत्य ही स्वाभिमान है असली चेहरे की अलग पहचान है। रोशनी की अंजलि भरकर अपने अंदर उड़े लो क्योंकि बहरूपिए हो तुम स्वीकारो की खुद में एक उद्देश्य, सत्य, पवित्रता, प्रेम, उत्साह और स्थिरता का दीया, प्रज्वलित करने से ही बात बनेगी अन्यथा अंधकार में जिंदगी हर किसी को पीड़ा ही देती है। -✍️पूनम✍️✍️
बरसात की एक बूंद, को , तरसता है यह दिल। शाखाओं के सूखने से, मचलता है यह दिल। काश दिल की जमीन पर, मेहनत का अंकुर फूटे। आशाओं की भर में, पुष्पवली झूमें। तितलियां मंडरा ने लगी, मेरे दिल के जहां में। सफलता की बारिश में, भीगूं नाचूं अनंत मुस्कान में।। -✍️पूनम✍️✍️
लिबास पर क्यों करता है अभिमान??? थोड़े अपने लहजे को भी, शालीन बना!! गजब की बनावटी और, तनहा है जिंदगी। हो सके तो सादगी को, अपना सौंदर्य बना।। -✍️पूनम✍️✍️
वक्त के धागे में, पिरोए थे कुछ सपने। कुछ को मैंने सच बनाया, उसे पर लगी हंसने। चलो इसी बहाने हंस लिया, बेहतर से बेहतरीन बनने का, रास्ता मैंने खोज लिया। आज मैं खुश हूं, क्योंकि वक्त ने मेरा हिसाब, कर दिया। परिश्रम मैंने किया, और घाव उसने भर दिया।। -✍️पूनम✍️✍️
हां मैं सांवली हूं। मुझे मेरे सौंदर्य से नहीं, मेरे गुणों से जानो। हां मैं सांवली हूं! मुझे मेरी योग्यता से, पहचानो। हां मैं सांवली हूं। मुझे अनभिज्ञ ना जानो। हां मैं सांवली हूं। मुझे मुश्किलों में, ना डालो। - ✍️पूनम्✍️ ✍️
हर हालत से लड़ता है हिंदुस्तान। क्योंकि विश्वात्मा है हिंदुस्तान। आज भी समझौते करता है हिंदुस्तान। क्योंकि अनुभवों से सीखता है हिंदुस्तान। अपनी हर बात पर हमेशा टिका है हिंदुस्तान। इसलिए हर क्षण पनप रहा है हिंदुस्तान। जांबाजों की भूमि है हिंदुस्तान। आवाम की आवाज है हिंदुस्तान। उड़ना जानता है हिंदुस्तान। पंखों को हल्का रख घोसले बनाता हैं हिंदुस्तान। जलधारा सा पवित्र है हिंदुस्तान। तभी तो सबका मित्र है हिंदुस्तान। -✍️पूनम ✍️✍️ Happy independence day to all.