ह्रदय तरंगिनी
यह तरंगिनी है ह्रदय की, उठती गिरती लहरें हैं। कल कल करती रहती हैं, अद्भुत दुनिया के पहरे में। ये लहरें हैं खुशियों की, गम की और दोपहरी की। जीवन के हर मोड़ पर, इस प्रतिबिम्ब के प्रहरी की। जब तक ही ये लहरें हैं, तब तक ही ये सेहरे है ंं। अठखेलियाँ कर रही ये तरंगे, खिलते मुस्कुराते ये चेहरे हैं । यही है अर्थ जीवन का, आशाओं की गगरी का। मत रहना यूं व्यर्थ, रहना तुम समर्थ। बने रहना हृदय रूपी रथ का पार्थ ।। सहेजकर इन यादों को, हृदय में अपने संजो लेना। उठती रहती इन लहरों को, अंजलि में यूं भर लेना। न गिरने देना इन लहरों को, तोड़ देना गुलामी के पहरों को। खिलने देना इन चेहरों को। ✍️ पूनम✍️✍️✍️