मेरा चांद
चांद थोड़ा रुक कर आना, अ धरों पर यह प्यास बढ़ाना।। दीपक की लौ ना बुझने पाए, जब तक मीत ना सामने आए।। करवों की निशा जो आई, प्रेम की महक बढ़ाने आई।। पिया की में राह तकूं, जब सोलह श्रंगार करूं।। आत्मसमर्पण है तो, प्रेम भी है, यही मेरी पूजा का धयेय भी है।। निकट कभी जो आओगे , सहसा तुम मेरे हो जाओगे ।। करवा चौथ का व्रत में भी रखूं, प्रेम पूर्ण नीर को मैं भी चखूं।। ✍पूनम✍️✍️ आप सभी को करवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाएं।।