करवटें
करवटें बदलकर रातें गुजारते गुजारते, थक गए हो तो स्वीकारो कि तुम गलत हो। मुखोटे बदलते बदलते भूल गए हो तो स्वीकारो सत्य ही स्वाभिमान है असली चेहरे की अलग पहचान है। रोशनी की अंजलि भरकर अपने अंदर उड़े लो क्योंकि बहरूपिए हो तुम स्वीकारो की खुद में एक उद्देश्य, सत्य, पवित्रता, प्रेम, उत्साह और स्थिरता का दीया, प्रज्वलित करने से ही बात बनेगी अन्यथा अंधकार में जिंदगी हर किसी को पीड़ा ही देती है। -✍️पूनम✍️✍️