गणपति बप्पा मोरिया
गणपति बप्पा मोरिया , आकर बिराजे सभी के घर, जिस पथ से हैं अनजान सभी, विघ्न विनाशक हो तुम हमारे भी। तुम्हारे हैं कितने नाम । जिनको पुकारू में बारंबार। विद्यापति ,विघ्न विनाशक,तथा, सिद्धिविनायक गणपति भी। मोदक तथा लड्डू है तुम्हारे भोग । कभी तो मिलो हमसे किसी संजोग। विद्या के हो दाता तुम, विघ्नों के हो हरता तुम। कामनाओं को करते सिदध । अभी मैं हूं बालक अनभिज्ञ। सुन लो एक विनती मेरी, मेरे बप्पा मोरया !!!! दो सबको विवेक इतना । सही पथ का निर्माण करें। तेरी बनाई हुई धरा का, हम सभी सम्मान करें। ईमानदारी से और विचारों को, इस तरह हम शुदध करें। दृढ संकल्प और कल्पनाओं से , पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त करें।। यूं तो हर वर्ष आते हो तुम , पर मानव तो है अपने स्वार्थ में गुम । सबकी झोली भर देना। एहसान यह मुझ पर कर देना। मेरी नकारात्मकता को तुम हर लेना । करके सकारात्मक विचारों को, निस्वार्थता से कर्म करना है मुझको । आप सभी को है शुभकामनाएं।। पधारे बप्पा घर में सभी के। रखे हमें अपने साए में । हर पल साथ हमारे रहे।। ✍️ पूनम