❤LOVE❤
ढूंढने चला है, चांद अपनी चांदनी ,। जाने कहां चली गई, मेरी सहभागिनी । सहायता करो आज, मेरी दामिनी । जाने क्यों खफा है, मुझसे मेरी चांदनी। देखी क्या कमी, उसने प्रेम में मेरे । छोड़ जो चली गई, अंधकार में मुझे । ना मैं मिला उसे न, वह मिली मुझे । तारों की डोली में, बिठा कर लाया था, जिसे ।।