रंगोत्सव





होली में उड़ा गुलाल,
पीले कर दूं दोनों गाल।
चुनरी को अपनी संभाल,
गुजिया खाए भर-भर थाल।
आज उड़ाओ जमकर गुलाल,
मिले दिल तो बजाओ ताल।
आए ऐसी होली हर साल ,
झूमे नाचे खेलें रस की फुहार।
आओ बरसाए रंग हजार,
थोड़ी मस्ती रंगों में प्यार।
पकवानों का है त्योहार,
बढ़ाएं मिठास और प्यार का व्यापार।
सारा आलम होली से सरोकार ,
होलिका दहन की हर अंगार।
याद दिलाएं हमें बार-बार,
अबीर गुलाल की है भरमार।
दुखों के रंग का अंत कर दो एक बार।
यह दुनिया है कितनी रंगीन,
मत बना मौसम को गमगीन ।
आजा बाहर निकल कर आज,
बनकर अपने दिल का सरताज ।
हम सब भी रंगीन हो जाए,
जीवन को रंगों से सजाएं ।
प्यार वाले साज़ बजाएं ,
फागुन के गीत गुनगुनाएं ।
एकता के रंग में रंग जाएं,
मन में अपने खुशियों को सजाएं।
किसी के जीवन में कुछ काम आ पाएं,
शुभकामनाएं सबको देते जाएं।
मनभावन रंगोत्सव बनाएं,
रंगोत्सव को रंगों से सजाएं।
दिल में कपट को मार भगाएं ,
एक उद्देश्य से मनाएं रंगोत्सव आज।
छेड़ें एक दूजे के दिल के साज,
रंगों को भरेंगे जीवन में ऐसे आज।
सभी के हृदय में करेंगे प्रेम का आगाज।।

आप सभी को होली की ढेर सारी शुभकामनाएं।।

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