उड़ान

दो पल फिर सुकून के,
आज फिर मिले मुझे।
पंछियों की कुहू की आवाज,
कानों में पड़ी मेरे।
हवा की सोंधी खुशबू, 
ले उड़ी मन को मेरे।
आज फिर खुद में गुण, 
अवगुण दिखे मुझे।
फिर पुरानी पुस्तकें खोली, 
गुम हो गई ऐसे उसमें।
कहने लगी वे मुझे,
शब्दों के रतन को ओढ़ ले।
सच में तू खुद को सवार ले,
मन के बोझे को उतार ले।
निश्चय और दृढ़ता को अपना लें,
कुछ कह मत, बस सुना दे।
मुस्कुराहट को होठों पर बिठा ले,
शब्दों के घुंघरू बांध और नाचले।
मन के प्रति द्वंद को हरा दे,
खुशबू में खोजा मेरी,
प्रकृति मुझसे कहने लगी,
आ समां जा मुझमे कहीं।
मैं तुझ में हूं यहीं कहीं,
कर ले अब सभी गलतियों को सही।
दो पल को मुस्कुरा ले
गमों को दिल से उतार लें।



                                       ✍️  पूनम ✍️✍️

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

Review

Chocolate