मेरे पापा

बिन बताए वह हर बात जान जाते हैं,
मेरी हर बात मेरे पापा मान जाते हैं।।
बचपन में उन्होंने मुझे सुलाया ,
उंगली पकड़कर मुझे चलना सिखाया।।
आज भी जब सिर पर हाथ रखते हैं,
दिल से निकलती है दुआएं, 
और आसमान सजदे करते हैं।।
हर बात को प्यार से समझाते हैं ,
मुस्कुराते हुए मेरी उलझन सुलझाते हैं।।
उन्होंने मुझको अपनी पलकों पर बिठाया,
राजकुमारी से दुर्गा बनकर लड़ना सिखाया ।।
हर जंग को निडरता से लड़ते जाना,
सीखा है पापा से आंसू को छुपाना।।
मेरे लिए दुख है झेले जिसने,
ऐसा जिंदगी में, किया होगा किसने?
आज तक पापा की झप्पी याद है,
वह चार आने के लाली पॉप,
और मीठी सी गोली मेरे लिए खास है।।
वह मेरे लिए पहली बार गुड़िया लाना,
खास था उनकी गोद में बैठाकर मुझे मनाना।।
पापा की हर बात मुझ से शुरू होती है,
मेरी हर बात पापा पर खत्म होती है।।
मैं खुशबू बन पापा के दिल में बसती हूं ,
कर देते हैं जमीन - आसमान एक,
जब मैं हंसती हूं।।
मैं पापा की परी हूं ,
कहते हैं सब मैं उन पर गई हूं।।

Happy father's day to all the readers of RAY OF HOPE.


                                ✍️पूनम✍️✍️

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