परिवर्तन
रात के बाद दिन का आना,
सूर्य का निकलना और ढल जाना,
फूल का खिलना और गिर जाना,
पर्वतों की बर्फ का पिघलना,
यही तो परिवर्तन है।।
पक्षियों का उड़कर दाना लाना,
फिर शाम ढले घोसले में आना,
बातों से ही ह्रदय को सहलाना,
रोकर हंसना और खिल जाना ,
यही तो परिवर्तन है।।
परिवर्तन को अपना लेना,
ज्यादा नहीं तो क्या? थोड़ा तो है ना,
परिस्थिति का बदलना ,
सब एक दूजे से साझा करना,
थोड़ा चलना फिर ठहरना,
इतना स्वयं को समझा लेना,
परिवर्तन का ही तो अभिनंदन है।
परिवर्तन को स्वीकारना,
मन को धैर्य सिख लाना,
जांचना ,परखना और छा जाना,
यही तो एक मात्र विकल्प है,
परिवर्तन ही मेरा संकल्प है।
परिवर्तन ही तो अर्पण है,
जीवन है तो फिर मरण है,
राहें तो अति सरल हैं,
राही का चलना तो दुर्लभ है ,
स्वयं को खोना और खोकर पाना ,
यही तो समर्पण है,
जीवन है तो परिवर्तन है,
परिवर्तन है तो जीवन है।।
आज है शोहरत,
थोड़ी सी है मोहलत,
बन जाओ सरताज,
कुछ पल की तो है बात,
कल फिर आएगा,
यह महल भी ढह जाएगा,
सपनों से निकलना ,
वास्तविकता में ढलना,
यही सीख तो परिवर्तन है,
परिवर्तन है तो जीवन है ,
जीवन है तो परिवर्तन है।
✍️ पूनम✍️✍️
Nice 👍
ReplyDelete