मन के भीतर



मन के भीतर की परतों का खुलना ,
बहुत ही स्वाभाविक प्रक्रिया है।
मौन अवस्था में ही यह संभव है।
मौन रहकर आप अपने मन की ,
लिखावट को पढ़ सकते हैं ,
और मिटा भी सकते हैं।
लिखना और मिटाना यह सब,
सिर्फ आप पर ही निर्भर करता है।
                             -✍️पूनम✍️✍️
     

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