बिखरने नहीं देंगे खुद को
बिखरने नहीं देंगे हम खुद को,
आखिर हमने भी दुनिया देखी है ।
जोड़ कर रखेंगे अपने हुनर को,
क्योंकि अभी हमें बहुत कुछ करना है।
जहां तक कोई सोच ना पाएगा ,
अभी हमें वहां तक चलना है ।
रुक रुक कर चलें या फिर पैदल,
अभी हम खुद को बदल रहे हैं,
फिर औरों को बदलना है।
-✍️पूनम✍️✍️
Comments
Post a Comment