कर्म

कर्म ही जीवन है,
और शब्द तेरे मशाल।
अंतस की अग्नि को,
बना स्वप्नों की ढाल।
माया का है जाल फैला,
तू आया है यहां ,
और जाएगा अकेला।।
               - ✍️पूनम ✍️✍️

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