नज़्म

गालों पर आंसू छलकने दीजिए,
जो छलकते हैं वह हमेशा जाम,
नहीं होते।
कभी-कभी नज़्मों को कानों में,
सरकने दीजिए।
कहते हैं जहां कदम बहकते हैं,
वह रास्ते आम नहीं होते।
                   -✍️पूनम✍️✍️

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