मुझे लिखना है।
जो तनहा है पर बेहद मीठा।
मुझे लिखना है ,उस सांस के लिए,
जो धीमी सी आहट देती है।
मुझे लिखना है बेपनाह प्रेम के लिए,
जो अधूरा होने पर भी तृप्त है।
मुझे लिखना है उस चेहरे के लिए,
जिसकी बेश कीमती मुस्कुराहट,
मुझे आकर्षित करती है।
मुझे लिखना है उसके वास्ते,
जिसके अलग है रास्ते।
मुझे लिखना है उस लेखनी से,
जो मेरे स्वाभिमान की है।
स्याही उसे बनाकर बेपनाह,
प्रेम की उम्मीदों को जगाना है तुममें
और धीरे से कागज पर कुछ निशान,
छोड़नै हैं जो, तुम्हारे दिल को छूए।।
-✍️पूनम ✍️✍️
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