काबिल















खुद को काबिल बनाइए,
हर उस परस्थिति के लिए,
जो आपको निचोड़ तो सके,
पर  तोड़ न सके।
सुना तो सके पर,
हिल न सके।
बात तो सके पर,
गुमराह न कर सके।
भटका तो सके पर,
अपंग न बना सके।
सुलगा तो सके पर,
बुझा ना सके।
     -✍️पूनम ✍️✍️

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