साल बदल रहा है , समय बदल रहा है। काश आप और हम भी, थोड़ा बदल जाएं। जज्बातों में, विचारों में, कर्तव्यों में ,संस्कारों में। थोड़ी अपनी जिम्मेदारी को समझें। काश हम तुम अलग नहीं, अभिन्न हो जाएं आत्मा को परमात्मा से मिलाएं। इस जगत में डूबते हुए सूरज का, जश्न मनाने से पहले , आने वाली भोर से आलिंगन , कर आएं ,आओ थोड़ा बदल जाए।। -✍️पूनम✍️✍️