बेशक तुमसे मिलने को हैं बेताब , क्योंकि तुमने हमें दिया है , महबूबा का खिताब । लेकिन बातों में तुम हमसे , ना जीत सकोगे क्योंकि , बातों में है हम तुमसे , ज्यादा लाजवाब ।। - ✍️पूनम ✍️✍️
कभी हम भी थे, खुद से खफा , आज मिला जीने, का नया तजुर्बा । और कितने दिन , खुद से बेवफा रहते ? जी -जी कर, मरने से अच्छा है। हाल-ए-दिल, बयां करते।। -✍️पूनम✍️✍️