जिसे ढूंढा जमाने में, वह मुझ में है। जिसे चाहा जी भर के, वह मुझ में है। जिसे पाया खुदा से, वह मुझ में है। जिसे मांगा सबसे, वह मुझ में है। जिस ओर दिल की राहें खुलें, वह मुझ में है। जिस अनंत को, ब्रह्मांड में खोजा, वह मुझ में है। जो सफर तय कर रहा हूं, वह मंजिल मुझ में है। क्यों बाहर, खोजता रहा, खुशियों को, यह उम्र भर की, उदासी मुझ में है। - ✍️पूनम✍️✍️