इस बरसात में ,तुम साथ होते तो, भीगने में मजा आता। हमें संभालने के लिए, तुम होते तो, गिर कर उठने में ,दिन बन जाता। चाय में शक्कर, तुम डालते तो, मसाला चाय पीने में ,आनंद आता। लटों को सुलझाने के लिए, तुम होते तो, संवरने में आईना, भी शर्मा जाता। बातें बनाने के लिए, तुम होते तो, जख्मों पर मरहम, खुद लग जाता। इशारे में यदि तुम, समझाते तो, आंखों में पानी कहां आता?? -✍️पूनम✍️✍️