लिबास पर क्यों करता है अभिमान??? थोड़े अपने लहजे को भी, शालीन बना!! गजब की बनावटी और, तनहा है जिंदगी। हो सके तो सादगी को, अपना सौंदर्य बना।। -✍️पूनम✍️✍️
वक्त के धागे में, पिरोए थे कुछ सपने। कुछ को मैंने सच बनाया, उसे पर लगी हंसने। चलो इसी बहाने हंस लिया, बेहतर से बेहतरीन बनने का, रास्ता मैंने खोज लिया। आज मैं खुश हूं, क्योंकि वक्त ने मेरा हिसाब, कर दिया। परिश्रम मैंने किया, और घाव उसने भर दिया।। -✍️पूनम✍️✍️
हां मैं सांवली हूं। मुझे मेरे सौंदर्य से नहीं, मेरे गुणों से जानो। हां मैं सांवली हूं! मुझे मेरी योग्यता से, पहचानो। हां मैं सांवली हूं। मुझे अनभिज्ञ ना जानो। हां मैं सांवली हूं। मुझे मुश्किलों में, ना डालो। - ✍️पूनम्✍️ ✍️