सावन में भीगना , आंखों को मीचना। अठखेलियां करती बूंदों को, मुट्ठी में बंद कर लेना। आंचल उड़ाना, पैरों पर थिरकना । गाना गाती बूंदों को झटकना, किसको नहीं अच्छा लगता है,? ऐसे मौसम में बेवजह ही मुस्कुराना, हमें सच्चा लगता है। -✍️पूनम ✍️✍️
जीवन की गहराइयों में डूबना नहीं, ऐसे तैरना जैसे तुम्हें कुछ ढूंढना ही नहीं। ढूंढते ढूंढते यदि डूबने भी लगो तो , सच मानो, एक अतरंगी गोताखोर बनकर ही, बाहर निकलोगे। -✍️पूनम ✍️✍️